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सरयू नहर खण्ड 7

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सरयू नहर खंड 7 चक गांव के पास है इसका हेड चक गांव में है और यह नहर इमामगंज से आई हुई है इस नहर से बहुत सारी छोटी-छोटी नहरें निकली हुई हैं यह बड़ी नहर चक गांव के पास आकर यहां से दो नहरे हो गई हैं एक नहर फखरपुर रजवाहा और दूसरी नहर कैसरगंज रजवाहा है चक गांव के पास इसका हेड है जहां पर फखरपुर रजवाहा नहर में तीन तावा लगे हुए हैं और कैसरगंज रजवाहा में तीन तावा लगे हुए हैं इस नहर में सिंचाई के टाइम पर ही पानी आता है इस नहर में साल में 2  छमाही पर पानी आता है एक ठंडी में और एक गर्मी में धान गेहूं गन्ना सब चीजों की सिंचाई इसी से होती है इस नहर से किसानों को बहुत फायदा है और इस नहर से तालाब में भी पानी भरा जाता है और जानवर भी पानी पीते हैं मछलियां भी मिलती हैं इस नहर में कुल मिलाकर इस नहर से किसानों को बहुत फायदा है यह नहर इमामगंज से निकलकर शिवपुर महासी महाराजगंज बाजार होते हुए बनगांव खमरिया रमपुरवा चौकी खैरा बाजार होते हुए चक गांव को आई है यहां से दो छोटी-छोटी नहरे निकली हैं फखरपुर रजवाहा नहर दहौरा नदी में जाकर मिली है और केसरगंज रजवाहा नाहर छिगरी तालाब में जाकर मिली है

चक गांव

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चक एक गांव है जो ग्राम सभा रामगढ़ी ब्लाक तजवापुर जिला बहराइच में है इस गाँव के पश्चिम में सरयू नहरहै और नहर के उस पार तारापुर और तेलिनपुरवा गाँव हैं,पश्चिम उत्तर में नौव्वनपुरवा, उत्तर में ठाकुरन तारापुर, चमारनपुरवा,और खैरा बाजार गाँव हैं, उत्तर-पूर्व में नकदिलपुर, चंगिया गाँव है, और पूर्व में बेहड़ चौराहा, इनामी,बेहड़ गाँव हैं, पूर्व दक्खिन में कुरमिन पुर्वा, गाँव है, और दक्खिन में मोल्हेपुरवा,टेपरी लोधनपुरवा,तिवारी पुरवा गाँव है,दक्खिन पश्चिम में मैला सरैयाँ गाँव है., चक गाँव का नाम चक कैसे पड़ा चक गाँव के पुराने लोग बताते हैं, के आज से लगभग ४,५ सौ साल पहले यहाँ पर सिर्फ एक ठाकुर साहब का घर था उसी समय यहाँ पर मुस्लिम लोगों का आगमन हुआ, ठाकुर साहब की कोई औलाद नहीं थी, उन्होंने मुसलमानों से कहा कि तुम लोग मेरे इस चक (खेत) में बस जाओ यानी यहां पर अपना घर बना लो मुसलमनों ने उसी खेत (चक) में अपना घर बना लिया तबी से इस गाँव का नाम चक पड़ा.,, सबसे पहले यहंामुस्लिम में चंदा अंसारी के पिता जी लखनऊ के काकोरी गाँव से आये हुये थे., उनका परिवार आज भी चक गाँव में अपनी पहचान बनाये हुये है., चंदा